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Tuesday, April 2, 2024

युवा तुम हो किधर

युवा तुम हो किधर ?
कहाँ है शोर ?
रंग चड़ा है ;
चुनाव है ;
कहीं अपने कामों से तो नहीं भटकाव है ?
नहीं ! रैली है ,
जाना है,
दम खम दिखाना है,
और
नेता जी संग थोड़ी तस्वीर खिंचवाना है ।
अच्छा !
तब तो आप बहुत व्यस्त हो !
हाँ ! नेता जी को जिताना है..
क्या कुछ लूट खजाना है ?
क्या क्या ?
भाई ईमानदार है समझदार हैं
हमें भी लगा कुछ मजेदार है ।
मतलब ?
मतलब नहीं मालूम
ठीक है चलता हूँ ?
गाड़ी आ रही है
खाश आप के लिए ?
हाँ हाँ......
तब तो आपकी बहुत पूछ है,
बड़े नेताओं तक पहुँच है,
जी!
आप जनता हैं या नेता हैं ?
मैं ! मैं जनता जनार्दन का नेता हूँ ।
पढ़ाई लिखाई काम धंधा खतम
हाँ हाँ ये सब में नहीं है दम
वाह भाई !
पहले करते थे वैकेन्सी की इंतजार
सरकारी रिज़ल्ट में देखते रहते मेरे यार
हुआ कैसे तुम्हें राजनीति से प्यार ?
ऊब गया था ..
परीक्षा देते थक गया था...
फिर मन में सोंच इसमें जोर जमाया
उसके बाद
उसके बाद क्या ?
देख रहे हो नेताओं से हुआ परिचय
शान शोहरत का हुआ संचय
फेसबुक में लाईक बड़ा
वाट्स अप के स्टेटस में व्यू बड़ा
बस ! इतने के लिए तू हुआ फीदा
पड़ाई लिखाई से हुआ विदा ।
हाँ ! मजा है इसमें
सही कहा
गलत में न सजा है ।

          श्री गोपाल पाठक जी