|| श्री जानकीवल्लभो विजयते ||
!! श्रीहरितालिका ( तीज, कजरी तीज ) आरती !!
- ध्यानम् -
मन्दारमालाकुलितालकायै, कपालमालांकितशेखराय |
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय , नमः शिवायै च नमः शिवाय ||
- आरती -जय पार्वती माता ! जय पार्वती माता |
ब्रह्मसनातन देवी शुभ फल की दाता || जय ..
अलिकुल पद्म निवासिनि निज सेवक त्राता |
जगजीवन जगदम्बा हरिहर गुणगाता || जय ..
सिंहजवाहन साजै लुकड़ रहे साथा |
देव - वधु जहँ गावत निरत करत ततथा || जय ..
सतयुग रूप शील अति सुन्दर नाम सती माँ का |
हेमाञ्चल घर जन्मी सखियन संग राता || जय ..
शुम्भ - निशुम्भ विदारे हेमाञ्चल स्थाता |
सहसभुजा तनु धरके चक्र लियो हाथा || जय ..
सृष्टिरूप तुही जननी शिव संग रंगराता |
नन्दी भृंगी दीन वही परयो मदमाता || जय ..
देवी अरज करत हम मन - चित्त कूँलाता |
गावत दे - दे ताली मन में रंग छाता || जय ..
श्रीपरताप आरती मैयाकी जो मन से गाता |
स्वर्ग सुखी निज रहता सुख सम्पत्ति पाता || जय ..
जय पार्वती माता ! जय पार्वती माता |
|| बोलो श्री पार्वतीपतये की जय ||
----------------------------
Symantec
$ 44.25