|| श्री जानकीवल्लभो विजयते ||
सभी भाई बहनों को योगिराज
!! श्रीकृष्ण ( प्रागट्य ) जन्मोत्सव की बधाई !!
( ब्रज भाषा में )
अनौखो जायो ललना में वेदन में सुनि आई |
मैं वेदन में सुनि आई पुरानन मैं सुनी आई || अनौखो.......... ||
मथुरा में याने जनम लियो है, गोकुल में झूले पलना |
ले वासुदेव चले गोकुल कूँ, याके चरन परस गई यमुना || अनौखो............. ||
काहे को याको बनो है, पालनों काहे के लागे फून्दना |
रत्न जडित को बनो है पालनौ, रेशम के लागे फून्दना || अनौखो............. ||
चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि, चिर जीवे तेरो ललना l
अनौखो जायो ललना में वेदन में सुनि आई |मैं वेदन में सुनि आई पुरानन मैं सुनी आई || अनौखो.......... ||