// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
श्री शिव उपासना का पर्व
कु० आकाँक्षा तिवारी ( शिखा )
( शिक्षका )
श्री धाम वृन्दाबन, भारत
ईश्वर हमारी आस्था व विश्वास के प्रतीक हैं | अपने इसी विश्वास के द्वारा हमारे पूर्वजों ने ईश्वर को अलग - अलग नामों से पुकारा है यह सत्य ही है ईश्वर ही हमें प्रत्येक संकट से मुक्ति प्रदान करते हैं | हर ऋतु व हर त्यौहार में अलग - अलग देवी, देवताओं का पूजन, अर्चन होता है जैसेः दीपावली पर महालक्ष्मी का, बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती का, नवरात्रि में जगत् जननी माँ जगदम्बा का तथा जन्माष्टमी पर भगवन कृष्ण का पूजन होता है और सभी भक्त पूर्ण श्रद्धा से, भावः से और विधिवत् पूजन करते है |
इस समय सभी की इच्छाओं को पूरा करने वाले, जगत् के कल्याणकर्ता भगवान शंकर के व्रत व पूजन का सुअवसर है | श्रावण मास के प्रारम्भ होते ही सावन के सोमवार का व्रत, सोलह सोमवार व्रत की चारों तरफ धूम मच जाती है | भक्त काँवर में गंगाजल लाकर ( पैदल ) " बाबा " पर चढाते हैं |
भगवान शिव की आराधना, पूजा, व्रत सभी स्त्री, पुरुष, बच्चे तथा वृद्ध कर सकते हैं | सभी देवी, देवताओं की पूजा का नियम बहुत कठिन होता हैं | समस्त नियमों का पालन करके ही उनकी वन्दना की जाती है परन्तु भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान है | भगवान शिव बहुत सहजता से प्रसन्न हो जाते हैं तथा इनकी पूजा का कोई कड़ा नियम भी नहीं हैं | सभी देवताओं को एक ना एक चीज प्रिय होती है जैसे कि भगवान कृष्ण को माखन - मिसरी और श्रृंगार प्रिय है उसी प्रकार भगवान शंकर को जलधारा प्रिय है | मनीषि जनों के मतानुसार कहा गया तथा लिखा हुआ प्राप्त होता है कि :- " शिवः प्रियं जलधरा "||
कहा गया है कि आप जब भी चाहों तो जल लो और भगवान शिव पर चढा दो भगवान शिव तो हर समय नहाने को तैयार बैठे रहते हैं जब भी भक्तगण चाहते हैं तभी नहला आते हैं | और भगवान शिव प्रसन्नता से भक्तों का कल्याण करते हैं और अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखने हैं |
वैसे तो सोमवार का व्रत सभी करते हैं परन्तु सावन के सोमवार का अपना अलग - अलग ही महत्त्व होता है | कुँवारी कन्या इस व्रत को करें तो उसकी सभी इच्छाएं भगवान भोले बाबा पूर्ण करते हैं |
भगवान शिव को अनेक नामों से जाना जाता है | इनके समस्त नामों की महिमा अलग - अलग है | भगवान शिव का एक नाम है भोलेनाथ ! सत्य ही है अपने नाम के अनुसार भगवान शिव बहुत भोले हैं | एक प्राचीन कथा से इस बात का प्रमाण भी प्राप्त होता है |
कहा जाता है कि एक बार एक दैत्य ने भगवान शिव की आराधना व तप किया भगवान शिव उसकी आराधना से प्रसन्न हुए और वरदान देने के लिए दैत्य के सम्मुख प्रकट हुए ! दैत्य से कहा, वरदान माँगों ! मै तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूँ | माँगों क्या माँगना हैं ? दैत्य ने कहा प्रभू आप मुझे वरदान देना चाहते हो तो ऐसा वरदान दो मैं जिसके भी सर पे हाथ रखूँ वो भष्म हो जाये | भगवान शिव ने विना सोचे ही तथास्तु कह दिया | इस पर दैत्य ने कहा प्रभू मैं ये कैसे जानूँ कि आपने वरदान दिया है या नहीं ? भगवान शिव ने कहा :- जाओ जो तुम्हारा दुश्मन हो जाकर उसके ऊपर हाथ रख देना | इस बात को सुनकर दैत्य ने कहा मुझे यहाँ तो कोई भी नहीं दिख रहा आप ही दिख रहे हो | ऐसा सुनकर भगवान शिव को अपनी गलती समझ में आयी कि मैंने इस दैत्य की बात का ध्यान ही नहीं दिया तव वह वहाँ से भगवान विष्णु के पास गये और अपनी मदद के लिए कहा ! भगवान विष्णु ने दैत्य को अपने वाक जाल में उलझाया और उसका हाथ ही उसके सिर पे रखना दिया | इसी दैत्य को हम सभी भस्मासुर के नाम से जानते हैं | इस कथा के द्वारा ही हमें ज्ञात होता है कि भगवान शिव बहुत ही भोले हैं विल्कुल अपने नाम की तरह ||
भगवान शिव के भक्त - गण कहते है :-
भोलेनाथ से निराला, गौरीनाथ से निराला कोई और नहीं .........
डम - डम - डम - डम डमरू बोले, अगम - निगम के भेद ये खोले .........
ऐसा डमरू बजाने वाला और नहीं, भोले नाथ से निराला कोई और नहीं ........
भगवान शिव की आराधना के हजारों मन्त्र है परन्तु सभी मंत्रो का ज्ञान सभी के लिए संभव नहीं है इसी कारण भगवान भोलेनाथ का एक सवसे सरल व सुगम मन्त्र है जिसके जाप से भक्त का मनोरथ सफल हो जाता है | फल - फूल, धूप, इत्र आदि सभी से पूजन के साथ इस मन्त्र का जाप फलदायी होता है | अगर आप पूजन सामग्री के बिना भी " ॐ नमः शिवाय " इस मन्त्र का जाप करें तो भी सर्वकामना की पूर्ति अबढरदानी भगवान भोले नाथ करते है | यह मन्त्र तो है ही परन्तु भगवान भोले नाथ तो बम - बम महादेव या केवल बम - बम से ही प्रसन्न हो जाते है | इस शब्द की पुष्टि तव हुई थी जब वीरभद्र के द्वारा प्रजापति दक्ष का सिर काट दिया गया और बकरे का सिर लगाया गया तब उस समय उस बकरे अर्थात् प्रजापति दक्ष के मुँह से केवल यही शब्द निकले थे | केवल बम - बम के उच्चारण से दक्ष पर भगवान शंकर प्रसन्न हुए थे |
भगवान शंकर के भक्तों के मुँह से निकले ऐसे और भी शब्द है जो भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले है जैसे :-
अगड़ बम् - बम् - बम् लहरी |
बगड़ बम् - बम् - बम् लहरी ||
पूजन योग्य विशेष सामग्री - फल, फूल, माला, चन्दन, बेलपत्र, श्वेतार्क के फूल, धतूरा, भाँग, इत्र, चावल, रोली, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गंगा जल, धूप, कपूर, दीपक, कलावा, जनेऊ, मीठा तथा श्रद्धा व शक्ति अनुसार दक्षिणा ( राशि ) आदि |
जय श्री राधे