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Wednesday, July 8, 2009

सद् विचार

// श्री जानकीवल्लभो विजयते //

सद्विचार

कु० महिमा कौशिक
श्री धाम वृन्दाबन, भारत

" मानव शारीर परब्रह्म परमात्मा ( भगवान ) का मन्दिर है |
इसे स्वच्छ तथा सुन्दर बनाये रखना हमारा परम् कर्तव्य है | ''

मानव जीवन अनेकों उत्सवों से परिपूर्ण है |
अतः इसके प्रत्येक दिन को एक उत्सव की भाँति मनाये |
तो प्रभु अत्यन्त प्रसन्न होगे और स्वयं भी आत्म शान्ति का अनुभव व परमानन्द प्राप्त होगा |

जय श्री राधे