// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
सद्विचार
कु० महिमा कौशिक
श्री धाम वृन्दाबन, भारत
" मानव शारीर परब्रह्म परमात्मा ( भगवान ) का मन्दिर है |
इसे स्वच्छ तथा सुन्दर बनाये रखना हमारा परम् कर्तव्य है | ''
मानव जीवन अनेकों उत्सवों से परिपूर्ण है |
अतः इसके प्रत्येक दिन को एक उत्सव की भाँति मनाये |
तो प्रभु अत्यन्त प्रसन्न होगे और स्वयं भी आत्म शान्ति का अनुभव व परमानन्द प्राप्त होगा |
जय श्री राधे