// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
श्री गंगा माँ की वन्दना
संकलन कर्ता
पं० लक्ष्मीकान्त शर्मा ( कौशिक )
श्री धाम वृन्दाबन भारत
श्री गंगा मैया तेरी लहर मन भाई |
हरि चरणन से निकस सुरसरी, ब्रह्म कमण्डल आई |
भागीरथ तपस्या कीन्ही, शिव लै शीश चढाई || श्री गंगा .......|
हरि क्षेत्र होय, सूकर क्षेत्र होय, कर्ण क्षेत्र को धाई |
प्रयाग राज यमुना से मिलकर, काशी भेंटी जाई || श्री गंगा .......|
भारत भूमि पावन कीन्ही, तारे अधम अधाई |
साठ हजार सगर सुत तारे, गंगा सागर धाई || श्री गंगा .......|
नन्ददास गंगा की महिमा, मोपै कही न जाई |
जो गंगा कौ महात्तम गावे, भवः सागर तर जाई || श्री गंगा .......|
जय श्री राधे