// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
सैनिक
ऋषभ शुक्ला ( मनु )श्री धाम वृन्दाबन - भारत
पर्वत घाटी और समुन्दर,
देख नहीं घबराता सैनिक |
जब तक मँजिल हाथ न आए,
आगे बढ़ता जाता सैनिक ||
बर्फीली चट्टानों से भी,
सजग हमेशा रहता सैनिक |
आँधी, पानी, सर्दी, गरमी,
तन पर अपने सहता सैनिक ||
जीवन का वह लोभ न करता,
दुश्मन से टकराता है |
मातृ - भूमि की रक्षा के हित,
अपनी जान गँवाता है ||
हँसते - हँसते मरकर सैनिक,
हमको यह बतलाता है |
जो होता शहीद सीमा पर,
वह सैनिक कहलाता है ||