उनके नाम का जाप सभी पापों का नाश कर देता है। मैं उन परम भगवान को नमस्कार करता हूं, जो सभी कष्टों का निवारण करते हैं।
सर्वे भवन्तु सुखिन:सर्वे सन्तु निरामया,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मां कश्चिद दु:खभाग भवेत्| विद्या का अन्तिम लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए | "श्री महात्मा गाँधी जी"
Wednesday, June 18, 2025
प्रभु का ध्यान
एक बार गौ लोक धाम में कृष्णप्रिया राधाजी ने श्री गोविन्द से पूछा हे माधव ! कंस आपका सगा मामा होते हुए भी आपके माता पिता को घोर पीड़ा देता था, निरंतर आपका अपमान करता था, आपका संतों का मजाक उड़ाता था, आपको मार देने के प्रयास करता था, कभी किसी को भेजकर कभी किसी को, हत्या के प्रयत्न करता रहता था। फिर भी उस महापापी के ऐसे कौन से पुण्य थे, कि उसे आपके हाथों परम मोक्ष प्राप्त हुआ ? मोहन ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया राधे ! कंस जो कुछ भी करता और सोचता था वह सब मेरे ही बारे में होता था। चाहे द्वेष, क्रोध या भय के कारण, पर मेरा स्मरण उसे हर पल रहता था। जो व्यक्ति हर वक्त मेरा सुमिरन करेगा उसे मैं मोक्ष ही दूँगा चाहे वो मेरा विरोधी ही क्यों न हो।