महामंत्र > हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे|हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे||

Wednesday, March 19, 2025

परमेश्वर से प्रार्थना

कोई आवेदन नहीं किया था, किसी की सिफारिश नहीं थी,
फिर भी यह स्वस्थ शरीर प्राप्त हुआ।
सिर से लेकर पैर के अंगूठे तक हर क्षण रक्त प्रवाह हो रहा है
न जाने कौनसा यंत्र लगाया है कि निरंतर हृदय धड़कता है
हजार-हजार मेगापिक्सल वाले  दो-दो कैमरे के रूप में 2 आँखें संसार के दृश्य कैद कर रही हैं।
दस-दस हजार टेस्ट करने वाली जीभ
सेंकड़ो संवेदनाओं का अनुभव कराने वाली त्वचा नाम की सेंसर प्रणाली।
अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की आवाज पैदा करने वाली स्वर प्रणाली।
उन फ्रीक्वेंसी का कोडिंग-डीकोडिंग करने वाले कान नाम का यंत्र इस शरीर की विशेषता हैं‌।
पचहत्तर प्रतिशत जल से भरा शरीर लाखों रोमकूप होने के बावजूद कहीं भी लीक नहीं होता,बिना किसी सहारे मैं सीधा खड़ा रह सकता हूँ।
गाड़ी के टायर चलने पर घिसते हैं, पर पैर के तलवे जीवन भर चलने के बाद आज तक नहीं घिसे अद्भुत ऐसी रचना है।
हे परमात्मा आप ही इसके संचालक हैं। आप हीं निर्माता।
स्मृति, शक्ति, शांति ये सब भगवान आप देते हैं।
 आप ही भीतर बैठ कर शरीर की संरचना चला रहे हैं।
अद्भुत है यह सब, अविश्वसनीय।
ऐसे शरीर रूपी मशीन में हमेशा आप ही हैं,
इसका अनुभव कराने वाली आत्मा भगवान आप हैं। 
यह आपका खेल मात्र है। मैं आपके खेल का निश्छल, 
निस्वार्थ आनंद का हिस्सा रहूँ
ऐसी सद्बुद्धि मुझे दीजिए
आप ही यह सब संभालते हैं 
इसका अनुभव मुझे हमेशा रहे
प्रतिदिन पल-पल 
कृतज्ञता से आपका ऋणी होने का स्मरण
चिंतन हो,यही परमेश्वर के चरणों में प्रार्थना है।