लोमड़ी ने गधे से कहा तुम समझदार होकर बेवकूफों की तरह बातें मत करो, शेर ने तुम्हारे कान इसलिए हटाएं हैं ताकि तुम्हारे सिर पर मुकुट अच्छे से फिट हो सके अब चलो तुरंत ताज पहनने के लिए , मुहूर्त निकला जा रहा है ।
गधे ने सोचा यार ये बात तो लोमड़ी बिलकुल सही कह रही है, वाकई बड़े कानों की वजह से मुकुट फिट नहीं होता। इसतरह वो लोमड़ी की बातों में आकर फिर शेर के पास चल पड़ा। शेर ने फिर गधे को देखते ही हमला किया, गधा फिर भागा पर इस बार शेर के हमले से उसकी पूंछ कट गई। शेर के भय से लोमड़ी फिर गधे को लेने पहुंची ।
गधे ने तमतमाते हुए कहा तुम सफेद झूठ बोल रही हो मुझे मरवाने का प्लान कर रही हो और कहती हो शेर मुझे राजा बनाना चाहता है शेर ने इस बार मेरी पूंछ काट डाली, अगर मैं नहीं भागता तो इस बार मर जाता ।
लोमड़ी ने गधे से कहा फिर वही मूर्खों जैसी बात कर रहे हो शेर ने तुम्हारी पूंछ इसलिए हटाई ताकि तुम सिंहासन पर अच्छे से बैठ सको। लोमड़ी के काफ़ी मान मनौव्वल के बाद गधा दोबारा शेर के पास जाने के लिए मान गया ।
इस बार शेर तैयार था ।उसने गधे को भागने का मौका ही नहीं दिया औऱ उसे मारने के बाद लोमड़ी से कहा मेरी प्यारी लोमड़ी अब जाओ इसको अच्छी तरह साफ करके इसका ब्रेन, लीवर, लंग्स, हार्ट लेकर आओ मैं चैन से खाऊंगा।लोमड़ी ने गधे की चमड़ी निकाली और उसका दिमाग ख़ुद खा लिया बाकी लीवर, हार्ट, लंग्स लेकर शेर के पास पहुंची तो शेर ने गुस्से से पूछा अबे, इसका दिमाग कहां है रे। लोमड़ी ने कहा महाराज , उसके शरीर में दिमाग था ही नहीं जरा सोचो अगर दिमाग होता तो कान और पूंछ कटने के बाद भी क्या वो बार बार मरने के लिए आपके पास आता ।
शेर ने कहा तुम एकदम सही कहती हो ।
सबक इतना सीधा और भोला भी नहीं होना चाहिए कि कोई आसानी से मूर्ख बना सके दिमाग मिला है इसका इस्तेमाल करें किसी के बहकावे में हरगिज़ न आए सावधान रहें, सतर्क रहें, हमेशा हँसते रहें खिलखिलाते रहे।
इस काल्पनिक कहानी का आप सौच रहे हैं वही अर्थ निकलता है ।