अंगूर में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी, ई पाया जाता है। अंगूर के लाजवाब स्वाद से तो हम सभी परिचित हैं लेकिन कम ही लोगों को पता होता है कि ये सेहत का खजाना भी है | अंगूर एक ऐसा फल है जिसे आप साबुत खा सकते हैं। इनसे न तो छिलका उतारने का झंझट और न ही बीज का निकालने का। वैसे स्वास्थ्य के लिहाज से इसके कई फायदे हैं। आमतौर पर अंगूर दो तरह के होते हैं, हल्के हरे रंग के और काले रंग के। अंगूर को एक विशेष प्रक्रिया के तहत सुखाकर किशमिश का रूप भी दिया जाता है। अंगूर में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी, ई पाया जाता है।
सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में खाए जाने वाला अंगूर कई प्रकार का होता है जैसे-लाल अंगूर, हरा अंगूर, काला अंगूर आदि । अंगूर खाने के फायदे बहुत है क्योकि अंगूर में विटामिन A, K, C के साथ-साथ विटामिन B6 भी पाया जाता है। अंगूर पोटेशियम,कैल्शियम,मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सोडियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होते है यहीं कारण है की अंगूर को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद सूपरफूड्स की श्रेणी में रखा गया है। अंगूर के सेवन से पाचन तंत्र स्वस्थ रहने की समस्या से निजात मिलने जैसे कई फायदे होते हैं। इसलिए अंगूर का सेवन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।
अंगूर के औषधीय गुण
मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी अंगूर बेहद फायदेमंद है। ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने का काम करता है. इसके अलावा ये आयरन का भी एक बेहतरीन माध्यम है।
माइग्रेन के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए अंगूर का रस पीना बहुत फायदेमंद होता है. कुछ समय तक अंगूर के रस का नियमित सेवन करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी ये विशेष रूप से फायदेमंद है।
जुकाम में प्रतिदिन 50 ग्राम अंगूर खाने से जुकाम से छुटकारा मिल जाता है।
अंगूर खाने से ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है।
अंगूर खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
डायबिटीज में अंगूर फायदेमंद होता है।
अंगूर खाने से कब्ज से आराम मिलता है।
चेचक के रोगी को अंगूर खिलाने से आराम मिलता है।
हृदय में दर्द हो तो अंगूर का आधा कप रस पीने से आराम मिलता है।
अंगूर को नमक, काली-मिर्च के साथ खाने से कब्ज में लाभ होता है।
आधे सिर के रोगी को जिसमें दर्द सूर्योदय से पहले प्रारम्भ होता है। सूर्य के साथ ही बढ़ता जाता है। इस स्थिति में आधा कप अंगूर का रस सूर्योदय से पहले पीने से सिरदर्द ठीक हो जाता है।
गुर्दे के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते लगभग 50 ग्राम पानी में पीसकर थोड़ा नमक मिलाकर छान लें रोगी को पिलाने से दर्द में लाभ होता है।
अगर आपको भूख नहीं लगती है और इस वजह से ही आपका वजन नहीं बढ़ पा रहा है तो भी आप अंगूर के रस का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से कब्ज की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही भूख भी लगने लग जाती है।
ब्लड की कमी को दूर करने के लिए एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलकार पीने से खून की कमी दूर हो जाती है। यह हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।
पपीता
पका हुआ पपीता वायु व पित्त दोषनाशक, वीर्यवर्धक, ह्रदय के लिए हितकारी, मल-मूत्र साफ़ लानेवाला तथा यकृत व तिल्ली वृद्धि, मंदाग्नि, आँतो के कृमि एवं उच्च रक्तचाप आदि रोगों में लाभकारी हैं | छोटे बच्चों और दूध पिलानेवाली माताओं के लिए पपीता टॉनिक का काम करता हैं | यह पाचनशक्ति को सुधारता है | जिन्हें कब्ज की शिकायत हमेशा रहती है, उन्हें पका पपीता नियमित खाना चाहिए !
पपीते में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में होता हैं, जिससे नेत्रज्योति बढती है और रतौंधी रोग ठीक होता है | इसमें विद्यमान विविध एंजाइमों के कारण आँतों के कैंसर से रक्षा होती है | पपीते को शहद के साथ खाने से पोटैशियम तथा विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ की कमी दूर होती है !
औषधीय प्रयोग
अजीर्ण एवं कब्ज
पके पपीते पर सेंधा नमक, जीरा और नींबू का रस डालकर कुछ दिन नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आँतों की सुजन, अपेंडिक्स में लाभ होता हैं !
दाँतो के रोग
पके पपीते में विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है | अत: दाँतो के हिलने या खून आने में पपीता खाने से लाभ होता है !
बवासीर
सुबह खाली पेट पपीता खाने से शौच साफ होता व बवासीर में आराम मिलेगा !
बच्चों का विकास
रोज थोडा पपीता खिलाने से बच्चों का कद बढ़ता हैं, शरीर मजबूत एवं तंदुरस्त बनता है !
दुधवृद्धि
पपीता खाने से दूध पिलानेवाली माताओं का दूध बढ़ जाता है !
पेट में कीड़े
कच्चे पपीते का रस 10 ग्राम सुबह पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते है !
सावधानियाँ
ये सभी गुण प्राकृतिक रूप से पेड़ पर पके हुए देशी पपीतों के हैं, इंजेक्शन अथवा रसायन द्वारा पकाये गये या फुलाये गये पपीतों में ये गुण नहीं पाये जाते !
सगर्भावस्था में, मासिक स्त्राव अधिक आनेपर, खुनी बवासीर व गर्मी से उत्पन्न बीमारियों में तथा गर्म तासीर एवं पित्त व रक्त विकार्वाले पपीते का सेवन न करें !
कच्चा पपीता आँतों का संकोचन करनेवाला तथा कफ, वायु व पित्त वर्धक होता है!