दुनिया के हर रिलीजन मे ब्राह्मण होते है , नाम उनके अलग होते है ,पादरी, बिशप, पोप इसाइओ के ब्राह्मण है , मौलाना मौलवी मुसलमानों के है , बौद्धभिक्षु बौद्धों के है।
हर रिलीजन के ब्राह्मण सबसे ज्यादा सम्मान प्राप्त करते है ।
जापान कोरिया वाले राजा भी दलाई लामा के सामने झुकते है , उनके धर्म गुरु के सामने।
वैसे ही अमेरिका का राष्ट्रपति भी उनके पादरी पोप के सामने झुकते है।
हर रिलीजन के ब्राह्मण दान पर निर्भर होते है , कोई मौलाना मौलवी नौकरी नहीं करता दुकान नहीं चलाता , न कोई पादरी करता है , न कोई बौद्ध वाला , सब दान दक्षिण पर ही चलते है ।
जो बात हिन्दू धर्म के ब्राह्मण को दूसरे से अलग करती है , वो है ज्ञान का स्तर है। बाकी का ज्ञान केवल उनकी धार्मिक बातों तक सीमित होता है।
बाकी सिर्फ एक किताब वाले है , हिन्दू धर्म वालों के पास पूरा पुस्तकालय है।
हिन्दू धर्म का ब्राह्मण ज्ञानी इसलिए नहीं होता की वो ब्राह्मण है , वो ज्ञानी इसलिए होता है क्योंकि हिन्दू धर्म ही ज्ञान का महासागर है।
अगर कोई वेदों को पढ़ता है , तो वो ब्राह्मण होने के साथ साथ गणितज्ञ, ज्योतिषी, डॉक्टर, योद्धा , वैज्ञानिक सब हो सकता है जैसे।
आयुर्वेद ऋग्वेद का एक उपवेद है , तो ऋग्वेद पढ़ने वाला ब्राह्मण एक चिकित्सक भी हो जाता है।
ज्योतिष , यजुर्वेद का हिस्सा है तो यजुर्वेद पढ़ने वाला , गणित भी पढ़ता, astronomy भी पढ़ लेता है।
धनुर्वेद, युद्धशास्त्र , यजुर्वेद का हिस्सा है इसलिए कोई ब्राह्मण युद्ध कौशल मे भी निपुण हो सकता है।
संगीत की शिक्षा सामवेद मे है , तो सामवेद का ज्ञात अपने आप संगीत का ज्ञानी हो जाता है।
अगर कोई महाभारत पढ़ता है वो वो राजनीति मे कुशल हो जाता है, महाभारत से बड़ा राजनीति का ग्रंथ दुनिया मे कोई नहीं ।
तो यही कारण है की हिन्दू धर्म का ब्राह्मण आल राउंडर होता है , हर क्षेत्र मे झंडे गाड़ने वाला होता है | दूसरे वालों को अपनी किताब के बाहर कुछ नहीं आता |*
एसे ग्रंथों के अध्ययन के कारण ब्राह्मण बौद्धिक रूप से बहुत आगे होता है दूसरे के मुकाबले* ।
और ब्राह्मण बुद्धिबल से देश की रक्षा सदियों से करता रहा है चाहे वो चाणक्य के रूप मे , विश्वनाथ भट्ट के रूप मे , बाजीराओ पेशवा के रूप मे, सावरकर के रूप मे , शंकराचार्य के रूप मे , बालगंगाधर तिलक , चंद्रशेखर आजाद के रूप मे।
इसलिए वो सबके निशाने पर भी होता है , मुगल अपने युद्ध की सफलता इस से नापते थे की कितने किलो जनेऊ इकट्ठे हुए
अंग्रेजों, पूर्तगलियों के निशाने पर होते थे। *फ्रांसिस जेवीयर ने कहा था , ब्राह्मण न होते तो मे पूरे भारत को ईसाई बना देता।
एक और खास बात समझने की है , हर धर्म पंथ रिलीजन से कनेक्ट होने का एक माध्यम भी ब्राह्मण होते है।
बच्चे का जन्म हुआ आप चर्च , मस्जिद , मंदिर जायेगे वहा के पादरी , मौलाना, पंडित से जो भी करवाएंगे
विवाह हुआ तो भी उनकी उपसतिथि मे करवाएंगे , मृत्यु हुई तो अंतिम क्रिया भी करवाएंगे
सोचिये की अगर एसा दुशप्रचार कर दिया जाए की , हर पादरी, मौलाना ठग है, ये लोग लूटते है , अंधविश्वास फैलाते है , भ्रष्ट है तो क्या होगा ? धीरे धीरे इनके लोग फिर चर्च मस्जिद जाना बंद कर देंगे , शादिया फिर सिर्फ कोर्ट मे हो जाएंगी, मरने पर बॉडी एसे ही दिसपोज कर दी जाएगी और इस सबके कारण धीरे धीरे वो रिलीजन ही खत्म हो जाएगी |
ब्राह्मण देवता की जय हो