महामंत्र > हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे|हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे||

Friday, September 25, 2020

अंत समय आ जाना (मगही भजन )

प्रभु आज आप चाहे ना आवे , पर अंत समईया में आजईह।
तेरा आदि है न अंत बिहारी , प्रभु निर्गुणरूपवा  दिखाजईह‌।
नहीं जाती है ना धर्म तिहारी , प्रभु अनहदनाद सुनाजईह।
माया नगरी में मोरा नैहरवा , प्रभु अमर नगरिया लियाजईह।
माया विज्ञप्तियां में पडलबानी प्रभु माया से हमके छुड़ाजईह।
सारा जीवन व्यर्थ गमऊली , प्रभु आपन झांकी दिखाजईह।
सुबह में अईह चाहे शाम के अईह , दिन दुपहरिया लियाजईह।
दिनमा में अईह चाहे रतिया के अईह , प्रभु मोर मनसखा लियाजईह।
अपने अईह संग में कोई के ना लईह , प्रभु अपने से आके लियाजईह।
पंच तत्व से वनलमोरा देवियां , प्रभु आपन तत्व मिलाजईह।
अपने अईह चाहे राधा जी के लईह , पर जम्म भईया के ना लईह।
अपने अईह चाहे लक्ष्मी जी के लईह , पर जम्म भईया के ना लईह।
अपने अईह चाहे सीता जी के लईह , पर जम्म भईया के ना लईह।
प्रभु जन्म जन्म की रगरी हमारी , प्रभु अपने विदर्ईया करा जईह।
प्रभु माया नगरी में मैहर हमारी , प्रभु पीहर नगरिया लिया जईह।
कुंज बिहारी प्रभु अरजी हमारी , प्रभु मर्जी तूं आपन दिखा जईह।
 
भजन कर्ता - श्री कुंजेश्वर मिश्र जी - पटना