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Monday, March 2, 2009

जल, प्रकृति का अमूल्य उपहार


// श्री जानकीवल्लभो विजयते //


जल, प्रकृति का अमूल्य उपहार


कु. अँजली सैनी
श्री धाम वृन्दाबन - भारत

जल अमूल्य उपहार प्रकृति का |
जीव - जगत का अवलम्बन |
जल से हरित प्रकृति की शोभा |
जल ही जीवों का जीवन ||
कहीं बना हिम - मुकुट शिखर का |
कहीं वरसता बन बादल |
बहता कहीं नदी -निर्झर में |
धारा गरम कहीं शीतल ||
कहीं पथिक की प्यास बुझाता |
करता कहीं मत्स्य - पालन |
जल ही जीवों का जीवन ||
विविध रूप अपने दिखलाता |
ऐसा अदभुत यह नटवर |
कहीं सरोवर झील मनोहर |
सरिता कहीं महासागर |
धोता सदा मलिनता सबकी |
निर्मल करता है तन - मन |
प्यास बुझाना शीतल करना |
है यह इसका व्रत पावन |
वरुण देव के अग्रदूत जल |
हम सब करते तुझे नमन |
जल ही जीवों का जीवन ||
जय श्री राधे