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Tuesday, February 24, 2009

परीक्षा की तैयारी कैसे करें

// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
परीक्षा की तैयारी कैसे करें !
कु. आकाँक्षा तिवारी ( शिखा ) 
शिक्षिका
श्री धाम वृन्दाबन - भारत
मेरा अनुभव है की जब परीक्षा सिर पर आ जाती है व समय कम होता है और पुस्तकें अधीक | ऐसे में मैं अपने विषय की मोटी पुस्तक के किसी बड़े अध्याय को देखकर घबराने लगती हूँ और सोचती हूँ कि क्या पढूँ ? और कब पढूँ ? कैसे पढूँ ? क्यों कि अब पाठ को पढ़ने समझने तथा याद करने के लिए समय ही नहीं बचता है | इसमें कोई सन्देह नहीं कि परीक्षा में सफलता पाने के लिए विशेष प्रकार की तैयारी की आवश्यकता होती है | कितने ही विद्यार्थी जो साल भर किताबी कीड़े बने रहते हैं, परीक्षा परिणाम देख कर निराश हो जाते हैं | किसी की समझ में नहीं आता है कि दिन रात मेहनत करने वाला विद्यार्थी अच्छी श्रेणी क्यों नहीं प्राप्त कर सका  
कहा जाता है कि परीक्षा, सिर्फ ज्ञान की ही परीक्षा नहीं, वह परीक्षा भवन में विद्यार्थियों के सन्तुलन और समय की भी परीक्षा होती है अत: इस समय विद्यार्थी को इन सभी समस्याओं से बचने के लिए कार्य को दुहराकर सफलता प्राप्त की जा सकती है | परीक्षा में सफल होना उतना कठिन नहीं | जितना उच्च श्रेणी में स्थान प्राप्त करना | अत: कुछ बातें ऐसी हैं जो कि परीक्षा में आपकी सहायता हो सकती है |
एक दिन पहले परीक्षा भवन में लगने वाली सारी सामग्री एकत्रित कर जाँच लें, 
जैसे - पेन्सिल, हाई स्पीड पेन, रबड़, स्केल, चाँद, प्रकार आदि |
रात में अच्छी तरह शान्त चित्त होकर सोयें | प्रात:काल जल्दी उठकर ख़ास - ख़ास प्रश्नोत्तर या नोट्स अवश्य ही दोहरा लें | देर रात तक जाग कर पढ़ना ठीक नहीं, क्यों कि इससे दूसरे दिन परीक्षा भवन में सुस्ती तथा नींद सता सकती है |
परीक्षा भवन में प्रवेश करते समय पूरे आत्म विश्वास के साथ यह सोचते हुये बढ़े, कि हमें सब कुछ आता है | अपने साथ किताबें, नोट्स तथा अन्य सामग्री आदि कुछ न रखें क्योंकि परीक्षा भवन से गुम हो जाने पर ध्यान उसी ओर बँट जाता है | 
परीक्षा भवन पर समय से दस मिनट पहले ही पहुँच जायें, क्यों कि जरा सा विलम्ब ही घबराहट पैदा कर सकता है, जरा सी घबराहट ही परीक्षार्थी के मानसिक सन्तुलन को डगमगा सकती है और उसे जो कुछ आता है उसे भी वह भूल जाता है | समय से पहुँच कर याद किये गये नोट्स को मन ही मन दोहरायें | व्यर्थ की बातों में समय नष्ट न करें | तथा परीक्षा समाप्ति पर भी किसी से न पश्नपत्र मिलायें न ही व्यर्थ की चर्चा करें बल्कि अगले प्रश्नपत्र की तैयारी में जुट जायें |
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि सफलता अवश्य ही प्राप्त होगी |
जय श्री राधे