क्यों होते हैं इतने अच्छे,
पानी मांगू तो जग ले आते हैं,
पैर छूने को दौड़ लगाते हैं,
कागज मांगू तो काॅपी फाड़ लाते हैं,
टीचर के काम के लिए होड़ लगातें है,
आगे पीछे घूम के शोर मचाते हैं,
मासूम से बच्चे दिल जीत जाते हैं,
घर से गरीब है पर मन के अमीर है,
ऐसा लगता है केवल इनके पास ही जमीर है,
मारो या डांटो तो दिल से ना लगाते हैं,
थोड़ा सा पुकारो तो खूब यह शरमाते हैं,
दिल को एक सुकून है भगवान ने यह दिन दिखाया, खुशकिस्मत हूं भगवान ने मुझे शिक्षक बनाया।
👆श्रीमान राकेश कुमार मिश्र जी-डालटेनगंँज।