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Tuesday, January 9, 2018

बंशी की सिख

एक बार सभी गोपियो ने श्री कृष्णा की बांसुरी रानी को घेरा ओर ये प्रश्न पूछा कि, अरि ओ सखी!तुमने एसी कौन सी साधना की जिससे श्रीकृष्ण तुमसे इतना लाड़ करते है।तुम उनके अधरो के कोमल सेज पर सोती हो, अधर रस का पान करति हो फिर भी तुम्हारा दिल नही भरता तो उनके कोमल उंगुलियों से अपना चरण दबबाति हो।बाँसुरी ने हँसकर कहा ,ओ सखी! मैं उनके इस अहैतुकी कृपा के बारे में तो नही जानती पर हममें कुछ कमियां है सो मैं तुमसे कहती हूँ, सायद करुनानिधान हमारी इन्ही कमियों पर रिझे हो! 1.मै खुद कभी कुछ नही बोलती जो वो बोलते हैं वही बोलती हू। 2.तुम सब बड़े बड़े घरो की हो तुम्हारे तो भाई,बंधु,कुटुम्ब, काबिले है,मेरा  तो कृष्णा के सिवा और कोई नही है।  3.मैं खोखली हू, मेरे भीतर और बाहर कुछ नही।। 4.मैं ने श्री कृष्णा को पाने के लिए बहुत घाव खाये है यहाँ तक कि अपने सरीर में कई सुराख तक करवा लिए। शायद मेरी ईनहि बुराइयो पर करुणानिधि रीझे हो।।।          मित्रो! परमात्मा या किसी के स्नेह,प्रेम पाने के लिए बाँसुरी की ये 4 शिखे बहुत उपयोगी है।