|| श्री जानकीबल्ल्भो जयति ||
भारत महान जाकूँ
बृज भाषा में
पं० लक्ष्मीकान्त शर्मा ( कौशिक )
श्रीधाम वृन्दाबन - भारत
भारत महान जाकूँ देश - परदेश जानें,
रहेगौ महान बात सत्य मान लीजिए |
रावण और कंस से दुष्ट दुराचारी आयें,
राम - कृष्ण बन उन्हें समाप्त कर दीजिये ||
नर संहार होत आज इस देश मांहि,
शीश को उठाय तनिक दृष्टिपात कीजिए |
निर्बल, निर्दोष, सहृदय यहाँ मारे जात,
वीरो इन्हें आगे आय प्राण दान दीजिए ||
भारत की भूमि सदा वीर जननी मानी जात,
होय निरवीर कार्य ( कर्म ) एसो मत कीजिए |
रक्षा करो जीवन की, नाहि नातों टूट पावे,
एक साथ मिल रहों काहू दूर मत कीजिए ||
भूलो मत स्वरूप को गवाओ मत स्वाभिमान,
यह भारत हमारौ सब मिल यही बात कीजिए |
देश रक्षा हेतु भलें प्राण जाएँ सब ही कें,
हमहूँ आय रहे वीरो आगे बढ़त रहिए ||
जय श्री राधे