// श्री जानकीवल्लभो विजयते //
तुलसी एक ! उपयोग अनेक
पं. लक्ष्मीकान्त शर्मा (कौशिक)
श्री धाम वृन्दाबन-भारत
तुलसी की गंध आस-पास के वातावरण में मिलकर वायु मंडल को शुद्ध करती है. यही कारण है कि हमारे पूर्वजों द्वारा घर के आँगन में तुलसी के पौधे को परम्परागत रूप में रखने पर जोर दिया है.
- तुलसी-पूजन की परम्परा भी बहुत पुरानी है.
- भगवान को भोग लगाने के लिए भी तुलसी का प्रयोग किया जाता है.
- धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी की माला पहनी जाती है. इस पुरातन परम्परा के पीछे भी यही धारणा है कि यह अनेक बीमारीओं से शरीर कि रक्षा करती है.
- पीने के पानी में अथवा चाय के पानी में नियमित रूप से तुलसी की कुछ पत्तियाँ डालकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है.
- मुख के दुर्गन्ध नाश करने के लिए तुलसी का सेवन अत्यन्त लाभकारी है.
- तुलसी की पत्तियाँ और अदरख को पीस कर एक चम्मच रस निकाल कर तीन-तीन घंटे पर सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलाता है.
- तुलसी की पत्तियों के रस को शहद के साथ मिला कर चाटने से चक्कर आना बन्द हो जाता है.
- आधा सीसी के सिरदर्द में तुलसी की पत्तियाँ और काली मिर्च को एक साथ पीस कर सूँघने से आराम मिलता है.
- तुलसी का काढ़ा जुकाम, सिरदर्द में लाभ देता है.
- छोटे बच्चों के पेट फूलने की शिकायत होने पर तुलसी और पान के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर इसकी दस-दस बूँदें दिन में तीन बार बच्चें को चटाना शीघ्र लाभकारी होता है.
जय श्री राधे राधे