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Sunday, November 23, 2008

कन्या भ्रूण हत्या ( भाग-01)

// श्री जानकीवल्लभो विजयते // 
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् 
या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता /
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: // 
आज के युग की भयानक अन्ध विश्वास
"कन्या भ्रूण हत्या"
तनुज अग्रवाल, मथुरा-भारत  
शक्ति स्वरूपा माताओं, बहनों एवं देवस्वरूप भाईयों !
आज के आधुनिक युग में "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:" से लेकर "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" जैसी आदर्श सूक्तियाँ केवल बोलने तक ही सीमित रह गई हैं. पहले जहाँ हमारे ऋषि-मुनियों एवं पूर्वजों ने नारी को विश्व में प्रथम स्थान प्रदान किया था, वहीं हमारी वर्तमान पीढ़ी विज्ञान के चमत्कारी आविष्कारों का दुरूपयोग कर नारी की कोख में पल रही निर्दोष कन्या को जन्म लेने से पूर्व ही निर्मम हत्या कर रही है. जिसके कारण मानव समाज के अस्तित्व का खतरा मण्डराने लगा है. कन्या भ्रूण हत्या जैसी हृदय विदारक विकट समस्या से आज सम्पूर्ण संसार भयग्रस्त एवं शोक में लिप्त है. सोनोग्राफी, अल्ट्रासाउण्ड मशीनें आज चिकित्सकों के नोट छापने की मशीन बन गई है. कष्ट निवारण के लिए अपनाए महान व्यवसाय के पुनीत उद्देश्य को भूलकर पैसे के लालच में डॉक्टर जीव हत्या का घृणित व क्रूर धन्धा कर रहे है. यह घृणित कार्य अनपढ़ ग्रामीण वर्ग के बजाए शिक्षित शहरी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन अखवार,पत्रिकाओं में कन्या भ्रूण हत्या की खबरें ही देखने को मिलती है. चोरी छिपे न जाने कितनी हत्यायें हो रही हैं. जिसे हम सामाजिक लोग नजर अन्दाज कर रहे हैं. मगर इसका दोषी कौन हैं.
इसका मुख्य कारण दहेज़ वंश चलाने की कामना से पुत्र की इच्छा रखना है. भारत में इन दो कारणों से ९० प्रतिशत गर्भपात कराये जाते हैं. आख़िर यह गर्भपात है क्या ? आइये अब इस पर दृष्टिपात करते हैं. 
क्या आप जानते है भ्रूण हत्या या गर्भपात कराना कितना हानिकारक है :-
जीवन से परिपूर्ण भ्रूण की क्रमबध्द तरीके से जान बूझकर निर्मम हत्या करने की एक प्रक्रिया है. जो भयावह व घृणित है. अल्ट्रासाउण्ड, सोनोग्राफी से पहले शिशु के लिंग का पता लगाया जाता है. कन्या भ्रूण होने पर हत्यारे माता पिता गर्भ में उसे नष्ट करने के लिए जल्लाद डॉक्टर के हवाले कर देते हैं. डॉक्टर आपरेशन कर तीखे औजारों से माँ के पेट में ही जीवित शिशु के छोटे-छोटे टुकड़े कर हत्या कर देता है. फिर उन टुकड़ों को बाहर निकाल देता है. अधिकतर मातायें शिशु कन्या पर होने वाले अत्याचार से अनभिज्ञ होती हैं. अन्यथा उनकी ममता ऐसा जघन्य अपराध न होने दे. 
विशेष नोट :- सभी पाठकजन से सविनम्र निवेदन है कि अपने विचारों से हमें अवगत करायें.
जय श्री राधे राधे
गर्भ में शिशु की हत्या चार............................. 
आगे के लेख ( भाग २) में